हिन्दी पेपरबेक मैग्रोव: ज्वारीय वन लेखक:सुकन्या दत्ता
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हेक्टेयर में फैला हुआ है जोकि विश्व के कुल ज्वारीय वन का 3 % है मुंबई शहर, मुंबई उपनगर, ठाणे, रायगड़ और रत्नागिरी स्थित तटीय इलाकों में मैंग्रोव बहुतायत में पाया जाता है इसी मैंग्रोव या ज्वारीय वन से जैवविविधता और तटीय पारिस्थितिकी तंत्र सुरक्षित रहता है।
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हेक्टेयर में फैला हुआ है जोकि विश्व के कुल ज्वारीय वन का 3 % है मुंबई शहर, मुंबई उपनगर, ठाणे, रायगड़ और रत्नागिरी स्थित तटीय इलाकों में मैंग्रोव बहुतायत में पाया जाता है इसी मैंग्रोव या ज्वारीय वन से जैवविविधता और तटीय पारिस्थितिकी तंत्र सुरक्षित रहता है।
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हेक्टेयर में फैला हुआ है जोकि विश्व के कुल ज्वारीय वन का 3 % है मुंबई शहर, मुंबई उपनगर, ठाणे, रायगड़ और रत्नागिरी स्थित तटीय इलाकों में मैंग्रोव बहुतायत में पाया जाता है इसी मैंग्रोव या ज्वारीय वन से जैवविविधता और तटीय परिस्थितिकी तंत्र सुरक्षित रहता है.
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हेक्टेयर में फैला हुआ है जोकि विश्व के कुल ज्वारीय वन का 3 % है मुंबई शहर, मुंबई उपनगर, ठाणे, रायगड़ और रत्नागिरी स्थित तटीय इलाकों में मैंग्रोव बहुतायत में पाया जाता है इसी मैंग्रोव या ज्वारीय वन से जैवविविधता और तटीय परिस्थितिकी तंत्र सुरक्षित रहता है.
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ज्ञात हो कि भारत में मैंग्रोव कुल 3, 60,000.हेक्टेयर में फैला हुआ है जोकि विश्व के कुल ज्वारीय वन का 3 % है मुंबई शहर, मुंबई उपनगर, ठाणे, रायगड़ और रत्नागिरी स्थित तटीय इलाकों में मैंग्रोव बहुतायत में पाया जाता है इसी मैंग्रोव या ज्वारीय वन से जैवविविधता और तटीय परिस्थितिकी तंत्र सुरक्षित रहता है.
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ज्ञात हो कि भारत में मैंग्रोव कुल 3, 60,000.हेक्टेयर में फैला हुआ है जोकि विश्व के कुल ज्वारीय वन का 3 % है मुंबई शहर, मुंबई उपनगर, ठाणे, रायगड़ और रत्नागिरी स्थित तटीय इलाकों में मैंग्रोव बहुतायत में पाया जाता है इसी मैंग्रोव या ज्वारीय वन से जैवविविधता और तटीय परिस्थितिकी तंत्र सुरक्षित रहता है.